Monday, 28 September 2020

दिल की आवाज


"दिल की आवाज"

कहते है लड़कियो को इंजिनियर नहीं बनना चाहिए। आर्मी ऑफिसर नहीं बनना चाहिए। उसको एर फोर्स नहीं जॉइन करना चाहिए। उसको स्पोर्ट्स में आगे नहीं बढ़ ना चाहिए। उसको एक्ट्रेस नहीं बनना चाहिए। उसको पायलट नहीं बनना चाहिए। क्या कुछ नहीं करना चाहिए बताइए ? 

क्यू की ज्यादातर लोग मानते है कि हर जगह लडको की है ओर अब तो रसोई शो भी लड़के चला रहे है। तो कभी यह भी कह दीजिए कि मां या मेरी पत्नी अब से खाना में बनाऊंगा। 

जब लड़कियों ने आपको नाचने से खेल ने से रसोई में आने से, फेशन डिज़ाइनर बनने से, टीचर बनने से हा टीचर भी क्यू की बेस्ट टीचर  ओरत यानी मां ही होती है। इन सब में पुरुषों को परमीशन है मान सम्मान है। पर कई ऐसी लड़कियां है जो स्पोर्ट्स में आगे बढ़ना चाहती है। खेलना चाहती है। पर क्या वह खेलेंगी तो बेट को बुरा लगेगा ? रेकेट बोलेगा की नहीं मुझे मत छूना की जमीन बोलेगी की नहीं तुम लड़की  हो तुम मुज पर खड़ी रेहके आगे नहीं बढ़ सकती। सब प्रॉब्लम हमारे मन को है। अगर मन कितना भी सौंदर्य क्यू न हो पर अंदर सुविचार की जगह कुविचार भरे है। तो वह मगज एक गध्धा समान है। 

हर कोई लड़की कोई अच्छा लड़का देख के उसके साथ भागना नहीं चाहती। वह अपने दम पर अपने सपनों के साथ उड़ना चाहती है। अगर अपनी बेटी या बहन की इतनी ही फिकर है तो उसका साथ दो पूछो उनसे की उनकी पसंद ना पसंद क्या है। उसका गोल क्या है। उसका सपना क्या है। ओवर केरिंग मत करे। अगर उनसे गलती होगी तो समझ में आएगा कि यह गलत है या गलत हो रहा है। "उसको नादान नहीं आजाद करे"।




कोइ मां बहन या पत्नी ने उसके बेटे को इसीलिए जन्म नहीं दिया कि बड़ा होके वह कोई दूसरी लड़की को काबू में रखे या अपनी बेटी के सपने को मार दे। 

ओर पता है सबसे बड़ा गुनाह तो यह है कि हम किसी के करियर को बर्बाद करे। हम अपनी खुशी के लिए किसी और के सपने को मरे हुए शव की तरह आग में जला दे या मिट्टी में दफनादे। क्या यह सही है ? 

खेर जो आपको सही लगे पर एक लड़की की आत्मा की आवाज तो यह ही कहती है ओर कहेगी…..


बीते को अब मुझे भूलना है।

आगे को अब संवारना है। 

हौसला तो बनाई रखना है।

संभल के अब  चलना है।

खोफ़ खुद दूर भगाना है। 

अपने को वापस पाना है। 

प्यार विश्वास से निभाना है। 

दस्ता ए दर्द को मिटाना है। 

पंछी की तरह दूर उड़ना है। 

जमीन से आसमान छूना है। 

सब कुछ अब नया करना है

फिर भी….. 

आज़ाद ज़िंदगी मुझे जीना है ।

                           - अलीशा 

    

Saturday, 26 September 2020

सवाल

 

                  कोई एक की सजा दूसरे को क्यू मिलती है ? कोई एक गलत है तो क्या हर कोई गलत है ? कोई एक ने गलत किया है तो उसकी भरपाई कोई और को क्यू करनी पड़ती है ?
             
             अभिनेत्री बनना या मॉडल बनना कोई गलत बात है ? क्या वो खराब होते है ? अगर वो गलत है बुरे है तो क्यूं थिएटर में लाइन लगती है ? क्यू लोग उसके गानों पर ठुमके लगाते है? क्यू स्कूल में ड्रामा कॉम्पिटिशन होती है ? अगर वो डाइलोग बोलते है तो अच्छा लगता है। वो नाचते है तो हम नाचते है। वो रोते है तो हम रोते है। कितना कनेक्शन होता है। हमारे दिल और दिमाग में इफेक्ट होती है उसकी पर्सनल लाइफ ओर इश्यू की वजह से हम सोचते है की वो अच्छे नहीं है। ओर अच्छे है कि नहीं वो डिसाइड करने वाले हम कोन ? लोग अपने हिसाब से अपनी इच्छा अनुसार जी सकते है। वो चाहे जैसे कपड़े पहने उसमे भी हमे प्रॉब्लम है क्या एक कपड़ा डिसाइड करता है उनका करैक्टर ? खुद को हम महान समजते है हम खुद को बुरा नहीं कह सकते। ये क्यों नहीं कहते कि हा मेरी आंखे बुरी है जो नहीं देखना वहीं मुजे दिखता है। हर वक्त हम दूसरों को ब्लेम करते है।






                लोग कहते है कि इंडिया शाई कंट्री है। पर पता है इंडिया की पॉप्लुलेशन कितनी है ? अगर शाई कंट्री है तो पॉप्लुलेशन क्यू इतनी ज्यादा है? बिना किसीको पता चले ओर जबरदस्ती करके बहुत कुछ कर लेते है। उसमे कोई प्रॉब्लम नहीं है। पर जब बात आती है एक्टिंग मॉडल या उसके कपड़ों की तब केहते है देखो तो सही कोई शरम नहीं है? पर आपकी शराम कहा गई थी जब इंडिया की बस्ती बढ़ रही थी?
            
            अगर इतनी ही प्रॉब्लम है इन सब से तो हम खुद नाचे, जुमे, घर में एक दूसरे के साथ लडे, कोन हीरो कोन विलन खेले, खुद ही खुद का एंटरटेनमेंट क्यू नही करते ?
            
           हम हमारी बेटी या बच्चे को एक्टिंग नहीं करने देते पर कोई और की बेटी छोटे कपड़ों में नाचती है तो हम जी भर के देखते है उनको क्योंकि तब वो कोई और की बेटी है ओर और के साथ तो हम जो चाहे वो कर सकते है। तो देखने में क्या बुरा है। हमेशा हम दूसरो को उंगली दिखाते है। ख़ुद ओर खुद के विचार  कितने खोखले है उन पर हमारी नजर ही नहीं होती

 बहुत दिनों के बाद आज में कुछ लिख रही हु, दिल में इतना कुछ भर के रखा है, समझ में नहीं आ रहा है की क्या करू