एक तरफा ही सही अब कर दिया तुम ने
फिर भी तुमको हसरतों से चाहा है हम ने।
वह इश्क की ख्वाइश मिटाई है तुम ने
वह जो यादें भी बसाई है इस दिल ने ।
मेरे सीने में जो ये दर्द ही दिया है तुम ने
उस चेहरे को हसना सिखाया है हम ने।
कहा नहीं सुना नहीं लिया है फेंसला तुम ने
तो लो कर दिया है फासला हम ने तुम से।
- अलीशा