Thursday, 24 June 2021

शाही की इनकारी

 

सुबह हो या श्याम कल हो या अब
आपकी याद में इतने पन्ने लिख लिए
की
अब तो शाही भी इन्कार कर रही है
आपके नाम का दीदार करने से।




Sunday, 13 June 2021

आसमान कहां मिलता।

 हम इश्क में इतने डूब गए की

अब तो किनारा ही नहीं मिलता।


दुनिया में कहीं खो गए की

अब तो रास्ता ही नहीं मिलता।


इस कदर हम टूट गए है की

अब तो दिल कहीं नहीं मिलता।


अपनो ने हमे ठुकराया की

यहां औरो से प्यार कहा मिलता।


दर्द ए दिल इतना तड़पा की

मरहम यहां कहां मिलता।


हम केद है तेरे इश्क के पिंजरे में

यहां आसमान कहां मिलता।

                           - अलीशा







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