सुबह हो या श्याम कल हो या अबआपकी याद में इतने पन्ने लिख लिएकीअब तो शाही भी इन्कार कर रही हैआपके नाम का दीदार करने से।
अच्छे संस्कार वह नहीं है जो आपकी हाँ में हाँ मिलाए संस्कार सही वह हैं जो आपकी गलती पर आपको रोके, आपको डांट लगाये
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