उड़जा रे पंछी उड़जा रे!
खुले गगन में तू उड़जा रे!
क्या कहेंगे लोग ये तू भूल जा रे!
साकार करने अपने सपने,
उड़जा रे पंछी उड़जा रे!
समाज के सारे बंधन तोड़ जा रे!
अपने आपको ढूंढने,
उड़जा रे पंछी तू उड़जा रे!
मर ने से पहले महेक जा रे!
अपनी सुगंध फेलाने
उड़जा रे पंछी तू उड़जा रे!
अपनों में अनोखा उदहारण बन जा रे!
अपने वजूद को पहचानने
उड़जा रे पंछी तू उड़जा रे!