Tuesday, 19 July 2022

उड़जा रे पंछी उड़जा रे

उड़जा रे पंछी उड़जा रे! 

खुले गगन में तू उड़जा रे!

क्या कहेंगे लोग ये तू भूल जा रे!

साकार करने अपने सपने,

उड़जा रे पंछी उड़जा रे! 

समाज के सारे बंधन तोड़ जा रे!

अपने आपको ढूंढने,

उड़जा रे पंछी तू उड़जा रे!

मर ने से पहले महेक जा रे!

अपनी सुगंध फेलाने

उड़जा रे पंछी तू उड़जा रे!

अपनों में अनोखा उदहारण बन जा रे!

अपने वजूद को पहचानने

उड़जा रे पंछी तू उड़जा रे!




 

1 comment:

 Rehabilation  Priya/Doctor Priya bed par soi hai doctor ko dekh kar bed se uthti hai,  (Doctor apni unglio se ek do tin aisa dikhate hai pr...