मैं नहीं हम
मेरा नहीं अपनों का..
मेरी ख़ुशी नहीं अपनों की ख़ुशी..
मेरा दुःख नहीं अपनों का दुःख..
मेरा काम नहीं अपनों का काम..
बहुत दिनों के बाद आज में कुछ लिख रही हु, दिल में इतना कुछ भर के रखा है, समझ में नहीं आ रहा है की क्या करू
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