Thursday, 29 December 2022

मैं नहीं हम…

 मैं नहीं हम

मेरा नहीं अपनों का..

मेरी ख़ुशी नहीं अपनों की ख़ुशी..

मेरा दुःख नहीं अपनों का दुःख..

मेरा काम नहीं अपनों का काम..



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 बहुत दिनों के बाद आज में कुछ लिख रही हु, दिल में इतना कुछ भर के रखा है, समझ में नहीं आ रहा है की क्या करू