Friday, 5 December 2025

अपने डर को मात दो

"लड़कियों सुनो, अच्छा बनने के लिए कभी-कभी दुनिया की नजरों में बुरा बनना पड़ता है। पर डरना मत, क्योंकि थोड़ी तकलीफ़ और कुछ ताने सिर्फ तुम्हें मजबूत बनाएंगे। पीछे हटना कोई विकल्प नहीं है। 

जो आज तुम्हें रोकते हैं, वही कल तुम्हारा उदाहरण देंगे। जहां पहुँचने की चाह है, वहां तक जाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है, लेकिन हर खोया हुआ पल तुम्हें और भी ताकतवर बनाता है। 

दर्द, संघर्ष और असफलताएं ही तुम्हारी असली पहचान गढ़ते हैं। याद रखो, हर गिरावट तुम्हें ऊँचाईयों तक ले जाएगी, हर चुनौती तुम्हारे हौसले को परखती है। 

अपनी कहानी खुद लिखो, अपने डर को मात दो और दुनिया को दिखा दो कि असली ताकत शब्दों या तानों में नहीं, बल्कि तुम्हारे जज़्बे और हौसले में छुपी है। 

यही संघर्ष, यही लड़ाई तुम्हें इतिहास बनाने वाली बनाएगी और हर नजर जो तुम्हें कम आंकती है, वही कल तुम्हारी कामयाबी का गवाह बनेगी।"




Tuesday, 2 December 2025

मंज़िल भी तुम हो और सफ़र भी तुम हो.

आवाज़ दबाने वाले बहुत मिलेंगे,

पर पहचान बनाने वाली सिर्फ तुम हो.

दुनिया याद रखेगी सिर्फ तुम्हारी 

उड़ान, उनका शोर नहीं.

उनकी कोशिश तुम्हें रोकने की होगी,

तुम्हारी ज़िद इतिहास बनाने की होनी चाहिए.

लोग चर्चा करेंगे तुम्हारी क़िस्मत की,

तुम कहानी लिखोगी अपनी मेहनत की.

हार मानने का सवाल ही नहीं,

क्योंकि मंज़िल भी तुम हो और सफ़र भी तुम हो.

Alisha


Sunday, 27 July 2025

छोटी सी ज़िंदगी है..

मत बनाओ किसी को रंजीदा,

छोटी सी ज़िंदगी है, मोहब्बत से जिया करो।

हर दिल में दर्द छुपा बैठा है,

तुम अपने लफ़्ज़ों से राहत दिया करो।


नफ़रतों की आग में क्या रक्खा है,

इश्क़ और रहम से दिल सजाया करो।

हर शख़्स अपनी जंग में उलझा है,

तुम मुस्कुरा के साथ निभाया करो।


क्या पता कब साँसों की डोर टूट जाए,

इसलिए हर लम्हा सच्चाई से निभाया करो।

मत दो किसी को ऐसी तकलीफ़,

जो उसकी रूह तक को रुला दे,


छोटी सी ज़िंदगी है यारो,

प्यार बाँटो, सुकून से जिया करो।





Wednesday, 23 July 2025

दिल ने जो समझा था अपना, वो बस एक भरम निकला

तू कुछ भी तो नहीं था, फिर भी सब कुछ छीन ले गया,

एक साया बन के आया, और रौशनी तक पी गया।


ना कोई नाम था तेरा, ना कोई निशान बचा,

फिर भी हर याद में तू, जैसे कोई ज़ख्म सिला।


तू कुछ भी तो नहीं था, फिर भी मेरे आँसू बन गया,

हर भावना को धोता रहा, और अंत में बह गया।


दिल ने जो समझा था अपना, वो बस एक भरम निकला,

जिसे पकड़ना चाहा था, वो रेत सा सरक निकला।


अब सोचती हूँ किसके लिए इतना टूट जाना था?

जिसका वजूद ही नहीं था, उसे दिल में क्यों बसाना था?


तू कुछ भी नहीं था, एक गुज़रता हुआ दर्द था,

जो एहसास बनकर आया और सन्नाटे में गुमशुदा कर गया।



Monday, 21 July 2025

क्योंकि यहाँ सिर्फ़ जीत की ही कसम है।

यहाँ हार मानने की इजाज़त नहीं है

यहाँ रुक जाने का नाम नहीं,

हर साँस में चलता एक नया प्रण है।

ठोकरें आएंगी, पर डरना नहीं,

क्योंकि यहाँ हार मानने की इजाज़त नहीं है।

अंधेरे होंगे, रास्ता छिप जाएगा,

पर उम्मीद का दीपक फिर जल जाएगा।

जो थम गया, वो मिट गया समझो,

यहाँ तो हर दिन खुद से लड़ना है।

थकान भी कहती है अब बस करो,

पर दिल कहता है अभी बहुत कुछ पाना है।

गिरो, उठो, फिर चल पड़ो,

क्योंकि यहाँ हार मानने की इजाज़त नहीं है।

ख्वाब अधूरे नहीं रहते यहाँ,

सपनों को सच्चाई में बदलना ही धर्म है।

जो भी आया, उसे कुछ कर दिखाना है,

क्योंकि यहाँ सिर्फ़ जीत की ही कसम है।

-Alisha



Sunday, 20 July 2025

'दिल के द्वार में प्रवेश रद है'

दिल के द्वार में प्रवेश रद है,

अब ना कोई लौटे, ना कोई कदम बढ़े।

जिसने भी दस्तक दी, ज़ख़्म देकर गया,

हर चाहत यहाँ खून में डूबी स्याही बन गई।


आँखों ने रो-रोकर दरिया बहा दिया,

पर किसी ने भी पलट कर नहीं पूछा  क्या हुआ?

एक उम्मीद थी जो हर रोज़ सजती थी,

अब वो भी उदासी के आगोश में बुझ गई।


वो कहते थे  "हमेशा साथ देंगे"

आज उन्हीं की परछाईं भी नज़र नहीं आती।

जिस दिल को मंदिर समझा था कभी,

अब वहाँ वीरानी की चुप्पी सजती है।


हर वादा पत्थर बना गिरा है दीवारों पर,

हर ख़्वाब कब्र बन गया इस दिल के शहर में।

अब साँसें भी इजाज़त लेती हैं जीने की,

क्योंकि दिल ने हर रिश्ता बंद कर दिया है बिना पूछे ही।


कोई मत आना अब इस उजड़े हुए घर में,

जहाँ मोहब्बत लहू बनकर बह चुकी है।

यहाँ हर कोना गवाही है टूटन की,

यहाँ हर सन्नाटा एक चीख छुपाए बैठा है।


'दिल के द्वार में प्रवेश रद है'

क्योंकि अब ये दिल… सिर्फ़ तन्हाई के लिए धड़कता है।






 मैं नए रास्ते खोजूँगी,

आगे बढ़ूँगी और जीवन के हर पल को खुलकर जीऊँगी।
अच्छे लोगों से मिलूँगी, उनसे कुछ नया सीखूँगी।
कोई मेरे बारे में कितना भी बुरा क्यों न सोचे 
मैं हमेशा मजबूत रहूँगी।
मैं कभी खुद को नुकसान नहीं पहुँचाऊँगी।

अगर किसी ने मुझे निकाल दिया है,
तो यकीन मानिए, वो भी मेरे अच्छे के लिए ही हुआ है।
मेरा रास्ता इससे कहीं बड़ा है,
और आने वाला प्रोजेक्ट भी मेरे लिए बहुत खास होगा।

मुझे कोई चिंता नहीं करनी है।
भगवान सब देख रहे हैं 
और उन्होंने जो भी किया है, वो मेरे भले के लिए ही किया है।

आप मुझे रिजेक्ट कर सकते हैं, निकाल सकते हैं,
लेकिन मैं उससे कहीं बेहतर चीजों के लिए बनी हूँ।

मैं बहुत मजबूत हूँ।
ना मैं टूटूँगी, ना रुकूँगी।
मैं खुद की सबसे बड़ी ताकत हूँ।


अपने डर को मात दो

"लड़कियों सुनो, अच्छा बनने के लिए कभी-कभी दुनिया की नजरों में बुरा बनना पड़ता है। पर डरना मत, क्योंकि थोड़ी तकलीफ़ और कुछ ताने सिर्फ तु...