Wednesday, 28 April 2021

तकलीफ तकदीर और सफलता

वो ख्वाइश भी सही नहीं
जो मुमकिन हो ना सके।

वो यादें भी  सही नहीं
जो  साथ रह ना सके।

वो प्यार भी सही नहीं
जो मुस्कुराहट बन ना सके।

वो तन्हाइयां भी सही नहीं
जो इस कदर रुला ना सकेे।

वो ख्वाब भी सही नहीं
जो खुली आंखो से पूरे ना हो सके।                                 - अलीशा




No comments:

Post a Comment

 बहुत दिनों के बाद आज में कुछ लिख रही हु, दिल में इतना कुछ भर के रखा है, समझ में नहीं आ रहा है की क्या करू