तु कहता है कि इश्क है मूजसे,
पर तु इश्क़ मुजसे नाप के करेगा,
तो कैसे बनेगा मेरा आशियाना।
तु यू हर एक से करेगा वादा,
तो कैसे बंधेगा ये मेरा धागा।
तु जिस्म का खेल मुजसे ओर,
रूह में किसी और से मिलेगा।
तो बताए कैसे हम जीयेंगे ?
तु कहता है तुम बहुत अच्छी हो।
पर अच्छी बाते उनसे करोगे,
तो किस के पास हम रोएंगे।
तुम अरमान हो मेरे कहते हो,
पर ओर वो लाला जोड़ा उनका?
कैसे करे हम इस दिल से समझोता।
- अलीशा
Nice 👍🏻👍🏻
ReplyDelete👌👌👌👌
ReplyDeleteVery lovely
ReplyDeleteNice line 👌👌👌👌
ReplyDeletegreat yaar
ReplyDelete