आज तक यही कहा है और यही कहूँगी में मैं हूं। ना आज और ना कल मैं तुम नहीं हो पाऊंगी। जैसे तुम्हारी सोच तुम्हारा काम, उठना, बैठना, खाना, रहना,तुम्हारे मित्र तुम्हारा परिवार और तुम्हारा व्यक्तित्व...वह सिर्फ तुम हो..
वैसा ही मेरा शरीर,मेरी सोच, मेरा काम वह मेरा व्यक्तित्व है... वह सिर्फ मैं हूं। जरुरी नहीं है की हम एक हो..जरुरी नहीं है की जैसा तू सोचता है वैसा ही मैं सोचती हूं और हा सुनो वह इसलिए क्युकी व्यक्तितव अलग है तुम तुम हो और में मैं हूं...
Sunday, 6 February 2022
व्यक्तित्व की पहचान
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बहुत दिनों के बाद आज में कुछ लिख रही हु, दिल में इतना कुछ भर के रखा है, समझ में नहीं आ रहा है की क्या करू
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Hello friends, how are you ? I hope you all are fine. How's going your days? I think you're all bored in the house. But w...
Very nice and true
ReplyDeleteBahut khoob ati sundar
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