यहाँ हार मानने की इजाज़त नहीं है
यहाँ रुक जाने का नाम नहीं,
हर साँस में चलता एक नया प्रण है।
ठोकरें आएंगी, पर डरना नहीं,
क्योंकि यहाँ हार मानने की इजाज़त नहीं है।
अंधेरे होंगे, रास्ता छिप जाएगा,
पर उम्मीद का दीपक फिर जल जाएगा।
जो थम गया, वो मिट गया समझो,
यहाँ तो हर दिन खुद से लड़ना है।
थकान भी कहती है अब बस करो,
पर दिल कहता है अभी बहुत कुछ पाना है।
गिरो, उठो, फिर चल पड़ो,
क्योंकि यहाँ हार मानने की इजाज़त नहीं है।
ख्वाब अधूरे नहीं रहते यहाँ,
सपनों को सच्चाई में बदलना ही धर्म है।
जो भी आया, उसे कुछ कर दिखाना है,
क्योंकि यहाँ सिर्फ़ जीत की ही कसम है।
-Alisha
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